विश्व में सबसे बड़ा आस्था का मेला कुंभ इस बार
उत्तराखंड की देव नगरी हरिद्वार में आयोजित होने जा रहा है। माघ पूर्णिमा पर 1अप्रैल से कुंभ मेले की शुरुआत होगी और यह 27 अप्रैल तक चलेगा। यूं तो महाकुंभ हर बारह साल
में आता है लेकिन इस बार महाकुंभ एक साल पहले यानी 11 सालों बाद आ रहा है।
कुंभ का शाब्दिक अर्थ कलश होता है, जिसका तात्पर्य अमृत कलश से है। पौराणिक
मान्यताओं के अनुसार, समुद्र मंथन के समय जब अमृत कलश निकला था,
तब उसे पाने के लिए देवताओं और असुरों में 12 दिनों तक युद्ध हुआ। उस कलश की छीना-झपटी में
अमृत की कुछ बूंदे पृथ्वी पर चार स्थानों पर गिरी थीं। उसमें प्रयागराज, हरिद्वार,
नासिक और उज्जैन थे। कहा जाता है कि आदिगुरु
शंकराचार्य ने कुंभ मेले की शुरुआत की थी ताकि मनुष्यों को भी अमृत तत्व का लाभ
मिले। इस वजह से इन शहरों की पवित्र नदियों के किनारे कुंभ मेले का आयोजन होता है
और लोग इसमें स्नान कर स्वयं को धन्य मानते हैं।
कुंभ में जाने मुख्य उद्देश्य गंगा के जल में
पवित्र स्नान करना होता है। इन स्नानों के
समय और दिन का निर्धारण ज्योतिषीय गणना के आधार पर की जाती है। इस बार होने वाले
कुम्भ के प्रमुख एवं शाही स्नानों की तिथिवार विवरण नीचे है-
शाही अखाड़ों के लिए शाही स्नान की तिथियां -
पहला शाही स्नान 11 मार्च 2021, शिवरात्रि।
दूसरा शाही स्नान 12 अप्रैल 2021, सोमवती अमावस्या।
तीसरा शाही स्नान 14 अप्रैल 2021, मेष संक्रांति।
चौथा शाही स्नान 27
अप्रैल 2021,
को बैशाख पूर्णिमा।
आम जनता के
लिए स्नान की तिथियां -
11 फरवरी मौनी अमावस्या
12 फरवरी - फाल्गुन संक्रांति
16 फरवरी - बसंत पंचमी
19 फरवरी - आरोग्य रथ पंचमी
20 फरवरी भीमाष्टमी
27 फरवरी - माघी पूर्णिमा
13 मार्च - फाल्गुन शनैश्चरी अमावस्या
14 मार्च - चैत्र संक्रांति
20 मार्च - महाविषुव दिवस
9 अप्रैल - वारुणी पर्व
12 चैत्र - अमावस्या
13 अप्रैल - चैत्र शुक्ल प्रतिपदा
14 अप्रैल - मेष संक्रांति पुष्यकाल
21 अप्रैल - श्री राम नवमी
27 अप्रैल - चैत्र पूर्णिमा
अन्य आकर्षण के केंद्र
चण्डी देवी मंदिर
मनसा देवी मंदिर दर्शन
गंगा आरती,
हरि की पौड़ी
विद्वानों के प्रवचन एवं कथा
कीर्तन मण्डली
राज्य सरकार द्वारा आयोजित संस्कृतिक कार्यक्रम
स्थानिय बाज़ार
कैसे पहुँचे?
हवाई यात्रा: अगर आप हवाई यात्रा के द्वारा
हरिद्वार पहुँचना चाहते हैं तो आप किसी भी एयरपोर्ट से देहरादून के लिए हवाई जहाज
ले सकते हैं।
सड़क मार्ग: दिल्ली सहित देश के अन्य राज्यों से
जोड़ने वाली सुलभ बेहतरीन सड़क मार्ग उपलब्धता है।
रेलमार्ग: हरिद्वार रेलवे स्टेशन को देश के हर
कोने से जोड़ने के लिए बेहतरीन रेलगाड़ी की सुविधा उपलब्ध है।